आम का एक बाग देखा तो रुक गया. याद आयी बचपन की वे गरमियां जो ऐसे ही बागों में गुजारीं थी, कच्चे पक्के आम खाते, कच्चा दूध पीते और पास बहती नहर में नहाते. तरह तरह कर्कश हॉर्न मुझे टाइम मशीन से वापस वर्तमान में ले आते हैं. फ्लैश बैक को केवल हॉर्न नहीं छेड़ते, माबाइल की घंटी भी बजती रहती है. इतनी कि पता ही नहीं चलता कि फोन मेरा है कि किसी और का. उसकी सर्वव्याप्तता आम के बाग में भी दिखती है. आम के फलों से लदे मनोहारी पेड़ से एक मोबाइल टावर छेड़ छाड़ कर रहा है.
आम अभी छोटे छोटे हैं, पकने में कुछ हफ्ते लग जायेंगे. यात्रा आगे जारी रखता हूँ.
कभी "ओलार" कभी "दाबू"
1 वर्ष पहले
बस, ऐसे ही यादें लौटा ले जाती हैं.
जवाब देंहटाएंटावर तो हर जगह हो गए हैं, और बगीचे ख़त्म. यहाँ कम से कम आम के पेड़ तो बचे हैं...
जवाब देंहटाएंyaadein taajaa ho gai.......
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